समस्यापुर्ति

नदिवरुनि भरुनि आणण्या पाणि, कळशि कमरेवरि घेउनि निघालि, गृहिणि,जिन्यांत पाउल टाकतांच निसटलि कळशि गडगडत जाताना कळशिचा आवाज आला मोठा ठठम् ठठम् ठम् ठठठम् ठठम् ठा. —कृष्णकुमार प्रधान (अनुवादक)